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लोकतान्त्रिक व्यवस्था का संकट Important Questions || Class 12 Political Science Book 2 Chapter 6 in Hindi ||

 

पाठ – 6

लोकतान्त्रिक व्यवस्था का संकट

In this post, we have mentioned all the important questions of class 12 Political Science Chapter 6 The Crisis of Democratic Order in Hindi.

इस पोस्ट में क्लास 12 के राजनीति विज्ञान के पाठ 6 लोकतान्त्रिक व्यवस्था का संकट के सभी महतवपूर्ण प्रश्नो का वर्णन किया गया है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 12 में है एवं राजनीति विज्ञान विषय पढ़ रहे है।

Ch 6 लोकतान्त्रिक व्यवस्था का संकट

एक अंकीय प्रश्न  

प्रश्न 1. सम्पूर्ण क्रांति का लक्ष्य क्या था ? 

उत्तर: सच्चे लोकतंत्र की स्थापना। 

प्रश्न 2. प्रेस सेंसरशिप से क्या अभिप्राय है ?

उत्तर: समाचार पत्रों में कुछ भी छापने से पहले सरकारी अनुमति लेकर अखबारों को छापना प्रैस सेंसरशिप कहलाता है।

प्रश्न 3. शाह आयोग की स्थापना कब और क्यों की गई थी? 

उत्तर: मई 1977 में, आपातकाल के दौरान की गई कार्यवाही तथा सत्ता के दुरूपयोग की जाँच के लिए।

प्रश्न 4. किस संविधान संशोधन के द्वारा विधायिका के कार्यकाल को 5 से बढ़ाकर 6 वर्ष किया गया 

उत्तर: 42वें 

प्रश्न 5. आपातकाल के दौरान गरीबों के हित के लिए किस कार्यक्रम की घोषणा की गई ? 

उत्तर: बीस सूत्रीय कार्यक्रम की।

प्रश्न 6. ‘कांग्रेस फॉर डेमोक्रेसी’ पार्टी किसके नेतृत्व में बनी ? 

उत्तर: बाबू जगजीवन राम।

प्रश्न 7. किस साम्यवादी दल ने आपातकाल के दौरान कांग्रेस पार्टी का साथ दिया था ?

उत्तर: सी पी आई (भारतीय साम्यवादी जल)

प्रश्न 8. किन दो लेखकों ने लोकतंत्र के दमन के विरोध में अपनी पदवियाँ सरकार को लौटा दी थी? 

उत्तर: कन्नड़ लेखक शिवराम कारंत और हिन्दी लेखक फनीश्वर नाथ। ‘रेणु’।

प्रश्न 9. 25 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा किस राष्ट्रपति ने की थी? 

उत्तर: फखरूद्दीन अली अहमद। 

प्रश्न 10. 1976 में स्वतंत्रा से सम्बन्धित किस संगठन का निर्माण हुआ ?

उत्तर: एक अलगाववादी संगठन है जो औपचारिक रूप से उत्तरी श्रीलंका में स्थित है। मई 1976 में स्थापित यह एक हिंसक पृथकतावादी अभियान शुरू कर के उत्तर और पूर्वी श्रीलंका में एक स्वतंत्र तमिल राज्य की स्थापना करना चाहते थे।

दो अंकीय प्रश्न  

प्रश्न 1. आपातकाल के दौरान किन दो संगठनों पर प्रतिबंध लगाया गया था ? 

उत्तर: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आर एस एस) और जमात-ए-इस्लामी।

प्रश्न 2. 1974 के गुजरात तथा बिहार के छात्रों ने किन मुद्दों पर आंदोलन छेड़ा था। 

उत्तर:

  • खाद्यान्न की कमी, खाद्य तेल तथा अन्य वस्तुओं की बढ़ती कीमते
  • बेरोजगारील तथा उच्च पदों पर जारी भ्रष्टाचार।

प्रश्न 3. नक्सलवादी आंदोलन ने किन कार्यो को सही ठहराया ? 

उत्तर:

  • धनी भूस्वामियों से जमीन छीनकर गरीब और भूमिहीन लोगों को देना। 
  • राजनीतिक लक्ष्य हासिल करने के लिए हिंसक साधनों के इस्तेमाल की दलील दी। 

प्रश्न 4. 42वें संविधान संशोधन द्वारा किए गए किन्हीं दो मुख्य बदलावों का उल्लेख करें। 

उत्तर:

  • प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के निर्वाचन को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती। 
  • विधायिका का कार्यकाल 5 वर्ष से बढ़ाकर 6 वर्ष किया गया।

प्रश्न 5. 1977 के चुनावों में जनता पार्टी के जीतने के किन्हीं दो कारणों का उल्लेख कीजिए? 

उत्तर:

  • आपातकाल की घोषणा और कांग्रेस की कार्यगुजारी। 
  • विपक्षी दलों का एक होना।

प्रश्न 6. आपातकाल और इसके आसपास की अवधि को क्यों संवैधानिक संकट की अवधि के रूप में देखा जाता है ? 

उत्तर: संसद और न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्र को लेकर छिड़ा संवैधानिक संघर्ष आपातकाल के मूल में था। सरकार के पास बहुमत होने के बावजूद लोकतंत्र को ठप्प करने का फैसला लिया तथा संवैधानिक शक्तियों का आपातकाल के दौरान दुरूपयोग हुआ। 

प्रश्न 7. निम्नलिखित में मेल बढ़ाए।

क) आपातकाल की घोषणा                i) जय प्रकाश नारायण

ख) लोकतंत्र बचाओ                          ii) चारू मजूमदार 

ग) सी पी आई (एम एल)                    iii) जनता पार्टी 

घ) सच्चे लोकतंत्र की स्थापना             iv) फखरूद्दीन अली अहमद

उत्तर:

क — iv) 

ख — iii) 

ग — ii) 

घ — i) 

प्रश्न 8. रेल हड़ताल कब और किस प्रमुख मांग को लेकर हुई थी ? 

उत्तर: मई 1974 में , बोनस और सेवा से जुड़ी शर्तो को लेकर की गई। 

प्रश्न 9. शाह आयोग की नियुक्ति कब और क्यों की गई थी? 

उत्तर: जे.सी. शाह की अध्यक्षता में मई 1977 में, आपातकाल के दौरान की गई कारवाई तथा सत्ता के दुरूपयोग, अतिचार और कदाचार के विभिन्न आरोपों के विविध पहलुओं की जाँच करने के लिए की गई। 

प्रश्न 10. निवारक नजरबंदी से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर: निवारक -नजरबंदी – 

मुख्यतया किसी अपराध में संलग्न व्यक्ति को ही गिरफ्तार किया जाता है परंतु कभी जब किसी व्यक्ति के स्वतंत्र रहने पर उसके द्वारा अपराध किए जाने की आशंका होती है तो उसे बंदी बना लिया जाता है। इसी को निवारक नजरबंदी कहते है।

चार अंकीय प्रश्न

प्रश्न 1. आपातकाल के पहले न्यायपालिका एवं सरकार के आपसी रिश्ते में किस प्रकार के तनाव आए? 

उत्तर: सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार के कई कार्यों को संविधान के विरूद्ध माना। कांग्रेस न्यायालय के इस रवैये को लोकतंत्र के सिद्धांतो और संसद की सर्वोच्चता के विरूद्ध मानने लगी। इस दल का आरोप था कि न्यायालय एक यथास्थिति वाली संस्था है, और यह गरीबों की कल्याणकारी योजनाओं को लागू होने से रोक रही है। 

प्रश्न 2. 1975 के आपातकाल ने किस प्रकार भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को लाभान्वित किया ? 

उत्तर:

  • विपक्षी नेताओं ने एकजुट होकर जनता पार्टी बनाई। 
  • 1977 में स्वतंत्र निष्पक्ष चुनाव हुए तथा इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस को जनता ने हार का मुँह दिखाया।
  • आपातकाल के दौरान किए गये अनुचित संवैधानिक संशोधन बदल दिए गए। 
  • विपक्ष अब आलोचना करने के लिए स्वतंत्र था।

प्रश्न 3. भारतीय जनतंत्र को आपातकाल के रूप में क्या सबक मिला? 

उत्तर: आपतकाल के बाद संविधान में व्यापक संशोधन किए गए। अब आपातकाल ‘सशस्त्र विद्रोह’ की स्थिति में ही लगाया जा सकता है ऐसा तभी हो सकता है जब मंत्रिमंडल लिखित रूप में राष्ट्रपति को ऐसा परामर्श दे।

आपातकाल में भी न्यायालयों के पास नागरिक अधिकारों की रक्षा करने की भूमिका सक्रिय रहेगी और नागरिक अधिकारों की रक्षा तत्परता से होने लगी। 

प्रश्न 4. जून 25,1975 को भारत में आन्तरिक आपातकाल की घोषणा के पीछे क्या कारण थे? 

उत्तर:

  •  सरकार को विपक्षी दल उसकी नीतियों के अनुसार शासन नहीं चलाने दे रहे। वे बार-बार धरना प्रदर्शन, सामूहिक कार्यवाही, राष्ट्रव्यापी आंदोलन की धमकियाँ देकर देश में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रहे है। 
  • सारी ताकत कानून-व्यवस्था की बहाली पर लगानी पड़ती है। षड़यंत्रकारी ताकतें सरकार के प्रगतिशील कार्यक्रमों में अंडगे डाल रही थी। 
  • विपक्षी दल सेना, पुलिस कर्मचारियों तथा लोगों को सरकार के विरूद्ध भड़का रहे हैं। इसलिए सरकार ने राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की। 

प्रश्न 5. लोकनायक जयप्रकाश नारायण का भारतीय राजनीति में क्या योगदान रहा?

उत्तर: लोकनायक जयप्रकाश नारायण (जेपी) गाँधीवादी विचारधारा के साथ-साथ समाजवाद तथा मार्क्सवाद से भी प्रभावित थे। इन्होंने भारत छोड़ो तथा विनोबा भावे के भूदान आंदोलन में बढ़चढ़कर भाग लिया था। इन्होंने नागा विद्रोहियों से सुलह तथा कश्मीर में शांति स्थापना के प्रयास किए। चंबल के डकैतो से सरकार के समक्ष आत्मसमर्पण कराया। इंदिरा द्वारा लगाई गई, जून 1975 की आपातकाल के घोर विरोधी के रूप में प्रतीक बन गए थ। उन्होंने संम्पूर्ण क्रांति का नारा देकर सच्चे लोकतंत्र की स्थापना का आहृवान किया। उन्होंने जनता पार्टी के गठन में अहम भूमिका निभाई।

पाँच अंकीय प्रश्न

प्रश्न 1. निम्नलिखित अवतरण को पढ़े और इसके आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दें। 

लोकतंत्र के नाम पर खुद लोकतंत्र की राह रोकने की कोशिश की जा रही हैं। वैधानिक रूप से निर्वाचित सरकार को काम नहीं करने दिया जा रहा। आंदोलनों से माहौल सरगर्म है और इसके नतीजतन हिंसक घटनाएं हो रही हैं। एक आदमी तो इस हद तक आगे बढ़ गया है कि वह हमारी सेना को विद्रोह और पुलिस को बगावत के लिए उकसा रहा है। विघटनकारी ताकतो का खुला खेल जारी है।

क) यह अवतरण किसके भाषण का अंश है ?

उत्तर: इंदिरा गाँधी।

ख) अवतरण में “एक आदमी तो इस हद तक बढ़ गया है। किसके बारे में कहा गया है। और उन्होंने क्या नारा दिया था ? 

उत्तर: जय प्रकाश नारायण, सम्पूर्ण क्रांति। 

ग) देश का माहौल किन कारणों की वजह से खराब हो रहा था ? 

उत्तर:

  • बार-बार धरना प्रदर्शन और सामूहिक कार्यवाहियों द्वारा।
  • लगातार गैर-संसदीय राजनीति के द्वारा अस्थिरता पैदा करना।

छः अंकीय प्रश्न

प्रश्न 1. किन्हीं चार परिस्थितियों का वर्णन कीजिए जिनके कारण 1975 में आपातकालीन स्थिति की घोषणा की गई। 

उत्तर:

  • गरीबी हटाओ का नारा अपना प्रभाव खोता जा रहा था। 
  • 1972-73 में मानसून के विफल होने से कृषि की पैदावार में भारी गिरावट। 
  • 1973 में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमते बढ़ने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा। 
  • रेलवे कर्मचारियों की हड़ताल।
  • गुजरात और बिहार के छात्र आंदोलन। 
  • श्रीमती इंदिरा गांधी के निर्वाचन को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा अवैध घोषित कर दिया गया था। 
  • सरकार की गलत नीतियों के कारण जनता में आक्रोश पनपा।

प्रश्न 2. 25 जून, 1975 को भारत में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा क्यों की गई ? इस आपातकाल के किन्हीं तीन परिणामों का विश्लेषण कीजिए। 

उत्तर: 

भारत में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा निम्न कारणों से की गई थी।

  • इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा इंदिरा गांधी के 1971 के लोकसभा चुनाव को अवैध घोषित कर देनां 
  • सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उच्च-न्यायालय के फैसले पर स्थगनादेश देना। 
  • जे पी द्वारा राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह आंदोलन की शुरूआत करना। 

आपातकाल के निम्न परिणाम हुए। 

  • मौलिक अधिकारों का स्थगन। 
  • राजनीतिक नेताओं की गिरफ्तारी। 
  • प्रेस की आजादी पर रोक। 
  • हड़तालों पर प्रतिबन्ध। 
  • पुलिस और प्रशासन का दुरूपयोग। 

प्रश्न 3. आपातकाल से मिलने वाले किन्हीं तीन सबको का विश्लेषण कीजिए।

उत्तर: आपातकाल से निम्नलिखित तीन सबक मिले – 

  • संविधान के विवादपूर्ण अनुच्छेदों में संशोधन। 
  • भारत में लोकतंत्र की नींव का और मजबूत होना। 
  • आपातकाल के बाद न्यायालय व नागरिकों का अधिकारों के प्रति ज्यादा सचेत होना। 
  • पुलिस और प्रशासन का निष्पक्ष रूप से काम करना। 

प्रश्न 4. आपातकाल में सरकार के द्वारा शक्तियों का दुरुपयोग किया गया था, इस कथन के पक्ष में तर्क दें। 

उत्तर:

  • भारतीय संविधान में हुए कुल संशोधनों का यदि औसत निकाला जाए तो यह लगभग दो संशोधन प्रति वर्ष होता है. कानून के जानकारों के अनुसार इन संशोधनों ने संविधान को समय के साथ मजबूत ही किया है. लेकिन इस सफ़र में एक दौर ऐसा भी आया था जब संविधान पूरी तरह से निजी महत्वाकांक्षाओं की भेंट चढ़ गया था. यह दौर था इंदिरा गांधी द्वारा लागू किये गए आपातकाल का. इस दौरान संविधान में इस हद तक बदलाव कर दिए गए थे कि इसे अंग्रेजी में ‘कंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया’ की जगह ‘कंस्टीट्यूशन ऑफ इंदिरा’ कहा जाने लगा था. इस दौर में संविधान में क्या परिवर्तन हुए, इन परिवर्तनों के क्या परिणाम हुए और कैसे संविधान को उसके मूल रूप में वापस लाया गया? इन सवालों के जवाब जानने की शुरुआत उन परिस्थितियों से करते हैं जिनके कारण संविधान से खिलवाड़ का दौर शुरू हुआ.
  • 19 मार्च 1975 को इंदिरा गांधी पहली ऐसी भारतीय प्रधानमंत्री बनीं जिसे न्यायालय में गवाही देने आना पड़ा हो. यह मामला उनके खिलाफ दर्ज की गई चुनाव याचिका की सुनवाई का था. मार्च 1975 का यही वह समय भी था जब जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में दिल्ली की सड़कों पर लगभग साढ़े सात लाख लोगों की भीड़ इंदिरा गांधी के खिलाफ नारे लगा रही थी. आजादी के बाद यह पहला मौका था जब किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ इतनी बड़ी रैली निकाली गई थी. ‘सिंहासन खाली करो कि जनता आती है’ और ‘जनता का दिल बोल रहा है, इंदिरा का आसन डोल रहा है’ जैसे नारों से सारा देश गूंज उठा था.
  • आपातकाल को समय की जरूरत बताते हुए इंदिरा गांधी ने उस दौर में लगातार कई संविधान संशोधन किये. 40वें और 41वें संशोधन के जरिये संविधान के कई प्रावधानों को बदलने के बाद 42वां संशोधन पास किया गया
  • इसके कुछ समय बाद ही 12 जून 1975 का वह ऐतिहासिक दिन भी आया जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 15 नंबर कमरे में हुए एक फैसले ने इंदिरा गांधी के चुनाव को गलत बताते हुए उसे रद्द कर दिया. इसी महीने 25-26 जून की दरम्यानी रात देश में आपातकाल घोषित कर दिया गया. इसके बाद शुरू हुआ संविधान में ऐसे संशोधनों का दौर जिन्होंने भारतीय गणतंत्र की आत्मा को ही बदलकर रख दिया.

प्रश्न 5. 1975 के आपात्काल में उजागर हुई भारतीय लोकतंत्रा की कमजोरियों और ताकतों के किन्हीं तीन-तीन बिन्दुओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर:

आपातकाल के दौरान भारतीय लोकतन्त्र की कमजोरियां

  • लोकतांत्रिक संस्थओं का अपंग होना 
  • आपातकाल के प्रावधानों में अस्पष्टता। 
  • पुलिस व प्रशासन का दुरूपयोग। 

आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की ताकत

  • नागरिक अधिकारों के प्रति जागरूक होना। 
  • लोकतंत्र की पुनः स्थापना। 
  • नागरिक संगठनों का अस्तित्व में आना। 

प्रश्न 6.1980 के मध्यावधि चुनावों के लिए उत्तरदायी परिस्थियों की व्याख्या कीजिए।

उत्तर: 1980 में मध्यावधि चुनाव करवाने के पीछे जो कारण था वह यह की जनता पार्टी जो मूलत: इंदिरा गाँधी के मनमाने शासन के विरुद्ध विभिन्न पार्टियों का गठबंधन था, शीघ्र ही बिखर गई और मोरारजी देसाई के नेतृत्व वाली सरकार ने 18 माह में ही अपना बहुमत खो दिया। कांग्रेस पार्टी के समर्थन पर दूसरी सरकार चरण सिंह के नेतृत्व में बनी। लेकिन पार्टी ने समर्थन वापस लेने का फैसला किया। इस वजह से चरण सिंह की सरकार मात्र चार महीने तक सत्ता में रही। इस प्रकार 1980 में लोकसभा के लिए नए सिरे से चुनाव करवाने पड़े।

 
 

 

 
 
 

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