पाठ – 9
भारतीय राजनीति नए बदलाव
In this post, we have mentioned all the important questions of class 12 Political Science Chapter 9 Recent Developments in Indian Politics in Hindi.
इस पोस्ट में क्लास 12 के राजनीति विज्ञान के पाठ 9 भारतीय राजनीति नए बदलाव के सभी महतवपूर्ण प्रश्नो का वर्णन किया गया है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 12 में है एवं राजनीति विज्ञान विषय पढ़ रहे है।
Ch 9 भारतीय राजनीति नए बदलाव
एक अंक वाले प्रश्न
प्रश्न 1. नई आर्थिक नीति कब लागू की गई ?
उत्तर:1991
प्रश्न 2. भारतीय जनता पार्टी का गठन कब हुआ।
उत्तर: 1980
प्रश्न 3. मंडल आयोग की मुख्य सिफारिश क्या थी?
उत्तर: अन्य पिछड़े वर्गो (OBC) को सरकारी नौकरियों में आरक्षण।
प्रश्न 4. बहुजन समाज पार्टी की स्थापना में किसकी महत्वपूर्ण भूमिका थी?
उत्तर: श्री कांशीराम की।
प्रश्न 5. वर्तमान में केंद्र में किस राजनीतिक दल की सरकार चल रही है ?
उत्तर: राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन – NDA) की)
प्रश्न 6. भारतीय राजनीति में कब गठबन्धन सरकारों का युग (केन्द्र में) प्रारम्भ हुआ?
उत्तर:
- 1989 के बाद से लोकसभा के चुनावों में कभी भी किसी एक पार्टी को 2014 तक पूर्ण बहुमत नहीं मिला।
- केन्द्र में 1989 से गठबंधन सरकारों का युग प्रारम्भ हो गया।
प्रश्न 7. 1984 में हुए आम चुनावों में कांग्रेस को कितनी सीटें मिली तथा कौन प्रधानमंत्री बना?
उत्तर: 415, श्री राजीव गांधी
प्रश्न 8. कांग्रेस ने कब गठबन्धन राजनीति की हकीकत को समझ कर केन्द्रीय स्तर पर गठबन्धन कर सरकार बनाई ?
उत्तर: 2004 में
प्रश्न 9. NDA का शब्द विस्तार लिखो
उत्तर: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन
प्रश्न 10. UPA का शब्द विस्तार लिखिए।
उत्तर: संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन
प्रश्न 11. पिछड़ा वर्ग किसे कहा जाता है ?
उत्तर: शैक्षीणक व सामाजिक रूप से पिछड़ा समुदाय।
दो अंक वाले प्रश्न
प्रश्न 1. गठबंधन सरकार से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर: एक से अधिक राजनीतिक दलों द्वारा मिलकर सरकार बनाना।
प्रश्न 2. केंद्र में रही किन्हीं दो गठबन्धन सरकारों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
- 1989 की राष्ट्रीय मोर्चा सरकार।
- 1986 की संयुक्त मोर्चा सरकार आदि।
प्रश्न 3. मंडल आयोग की नियुक्ति कब की गई, इसके अध्यक्ष कौन थे ?
उत्तर: मंडल आयोग की नियुक्ति 1978 में जनता पार्टी सरकार द्वारा की गई थी। इसके अध्यक्ष बिन्देश्वरी प्रसाद मंडल थे।
प्रश्न 4. मंडल आयोग की दो मुख्य सिफारिशें कौन सी थी?
उत्तर:
- अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को सरकारी नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण।
- भूमि सुधार कानूनों को अमली जामा पहनाना।
प्रश्न 5. राष्ट्रीय मोर्चा में मुख्य घटक दल कौन सा था? इस गठबंधन का मुख्य चुनावी मुद्दा क्या था ?
उत्तर: जनता दल, बोफोर्स मुद्दा।
प्रश्न 6. गठबंधन सरकारों की युग किस कारण आरम्भ हुआ ?
उत्तर: क्षेत्रीय दलों का उभार एवं राष्ट्रीय पार्टियों का कमजोर होना।
प्रश्न 7. शाहबानों प्रकरण क्या था ?
उत्तर: शाहबानों एक मुस्लिम महिला थी जिसने अपने पति से तलाक होने पर गुजारा भत्ता हासिल करने हेतु अदालत में अर्जी डाली तथा सर्वोच्च न्यायालय ने उसके हक में फैसला दिया। सरकार ने एक अधिनियम द्वारा इस फैसले को निरस्त कर दिया।
प्रश्न 8. भाजपा को 1986 में किन दो मुख्य घटनाओं के कारण उभरने का मौका मिला।
उत्तर:
- शाहबानों केस
- अदालत द्वारा अयोध्या स्थित विवादित स्थल का ताला खुलवाना।
प्रश्न 9. बामसेफ का शब्द विस्तार एवं स्थापना वर्ष लिखिए।
उत्तर: बैकवर्ड एवं माइनॉरिटी क्लासेज एम्पलाइज फेडरेशन, 1978
प्रश्न 10. बसपा के किन्हीं दो प्रमुख नेताओं के नाम लिखिए।
उत्तर: श्री कांशी राम, सुश्री मायावती
चार अंक वाले प्रश्न
प्रश्न 1. मंडल मुद्दा क्या था ?
उत्तर:
- 1978 में जनता पार्टी सरकार द्वारा नियुक्ति
- अध्यक्ष बिन्देश्वरी प्रसाद मंडल
- 1980 में सिफारिशें पेश की
- 1990 में अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण संबंधी सिफारिशे वी.पी. सिहं सरकार द्वारा लागू।
- सरकार के इस फैसले से उत्तर भारत के कई शहरों में हिंसक विरोध आदि।
प्रश्न 2. दिसंबर 1992 की अयोध्या घटना के क्या प्रभाव हुए?
उत्तर:
- उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार बर्खास्त
- देश में सांप्रदायिक तनाव
- केंद्र सरकार द्वारा जांच आयोग की नियुक्ति
- ज्यादातर राजनीतिक दलों द्वारा घटना की निंदा आदि।
प्रश्न 3. भारतीय जनता पार्टी के अभ्युदय पर टिप्पणी करें।
उत्तर:
- 1980 में गठन
- 1980 और 1984 के चुनावों में खास सफलता नहीं
- 1986 के बाद हिन्दू राष्ट्रवाद के तत्वों पर जोर
- राम जन्म भूमि मुद्दा
- 1996 में लोकसभा से सबसे बड़ी पार्टी बनी
- 1998 से 2004 तक भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन की सरकार
- 2014 से भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन की सरकार
- पूर्वोतर में भी 2016 में पहली बार सरकार का गठन इत्यादि
प्रश्न 4. मिलान कीजिए –
ए) सर्वानुमति की राजनीति i) शाहबानो मामला
बी) जाति आधारित दल ii) अन्य पिछड़ा वर्ग का उभार
सी) पर्सनस लॉ और लैंगिक न्याय iii) गठबंधन सरकार
डी) क्षेत्रीय पार्टियों की बढ़ती ताकत iv) आर्थिक नीतियों पर सहमति
उत्तर:
ए) iv)
बी) ii)
सी) i)
डी) iii)
प्रश्न 5. गठबंधन राजनीति के दो सकारात्मक तथा दो नकारात्मक प्रभाव बताइये?
उत्तर:
सकारात्मक
- क्षेत्रीय संतुलन में सहायक
- विभिन्न दलों को प्रतिनिधित्व
नकारात्मक
- राजनीतिक अस्थिरता
- नीतियों में दृढ़ता की कमी
प्रश्न 6. जनता के सरोकार एवं भागीदारी से जुड़े कोई चार ऐसे मुद्दे बताइये जो जनता के अधिकारों एवं लोकतंत्र के विकास से जुड़े है ?
उत्तर:
- सूचना का अधिकार
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा
- फसल बीमा योजना
- शिक्षा का अधिकार आदि
प्रश्न 7. मिलान करो :
गठबंधन । नेता कार्य
ए) UPA (i) स्वर्णिम चतुर्भुज
बी) NDA (ii) मनरेगा
सी) श्री पी.वी. नरसिम्हाराव (iii) मंडल आयोग की सिफारिशे लागू करना।
डी) राष्ट्रीय मोर्चा (iv) नई आर्थिक नीति
उत्तर:
ए) ii)
बी) i)
सी) iv)
डी) iii)
प्रश्न 8. मिलान करो :
क्षेत्रीय पार्टी राज्य
ए) AIADMK (i) उड़ीसा
बी) शिवसेना (ii) तमिलनाडु
सी) अकाली दल (iii) पंजाब
डी) बीजू जनता दल (iv) महाराष्ट्र
उत्तर:
ए) ii)
बी) iv)
सी) iii)
डी) i)
पांच अंक वाले प्रश्न
प्रश्न 1. निम्न अवतरण को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दो –
1989 के चुनावों से भारत में गठबंधन की राजनीति के एक लंबे दौर की शुरूआत हुई। इसके बाद से केंद्र में 11 सरकारें बनी। ये सभी या तो गठबंधन की सरकारें थी अथवा दूसरे दलों के समर्थन पर टिकी अल्पमत की सरकारें थी जो इन सरकारों में शामिल नहीं हुए। इस नए दौर में कोई सरकार क्षेत्रीय पार्टियों की साझेदारी अथवा उनके समर्थन से ही बनायी जा सकती थी।
i) गठबंधन राजनीति का दौर कब प्रारम्भ हुआ ?
उत्तर: 1989 में
ii) 1989 के बाद बनी किन्हीं दो गठबन्धन सरकरों के नाम लिखिए?
उत्तर:
- राष्ट्रीय मोर्चा सरकार (1989)
- संयुक्त मोर्चा सरकार (1996) आदि
iii) अल्पमत सरकार से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर: ऐसी सरकार जिसके पास पूर्ण बहुमत न हो, अल्पमत सरकार कहलाती है।
छः अंक वाले प्रश्न
प्रश्न 1. 1989 के बाद भारतीय राजनीति में आए बदलावों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: सन् 1989 के बाद भारतीय राजनीति में आए बदलाव :-
- 1990 के दशक ने भारतीय अर्थव्यवस्था को कई दबावों के तहत विखंडन को देखा जिनमें सोवियत संघ का पतन, मंडल आयोग की सिफारिशों के विरुद्ध घरेलू कलह, औद्योगिक गतिविधि का पतन, और विदेशी विनिमय भंडार का चिंताजनक संकुचन शामिल थे ।
- इसका परिणाम पी वी नरसिंह राव की अल्पमत सरकार और गठबंधन राजनीति के उदय में हुआ ।
- इस अवधि के दौरान एक-दलीय राजनीति का वर्चस्व समाप्त हुआ और और गठबंधन की राजनीति समय की मांग बन गई ।
- तब से वर्ष 2014 तक विभिन्न गठबंधन सरकारें बनीं और इनमें से कुछ सरकारें ही अपना कार्यकाल पूरा कर सकीं यह कोई मजबूत राजनीतिक प्रभाव पैदा कर सकीं ।
प्रश्न 2. किन मुद्दो पर भारतीय राजनीतिक दलों में लगभग सहमति है ?
उत्तर: कई प्रतियोगिताओं और संघर्षों के बीच राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति बन गई। इसमें चार
अलग-अलग घटक होते हैं:
- नई आर्थिक नीतियों पर समझौता: अधिकांश दलों का मानना था कि यह नीति देश के लिए औचित्य लाएगी और इसे विश्व आर्थिक शक्ति का दर्जा देगी।
- सामाजिक दावों की स्वीकृति: अधिकांश दलों ने पिछड़ी जाति के सामाजिक दावों को स्वीकार किया। नतीजतन, उनमें से अधिकांश ने पिछड़े वर्ग के सीटों के आरक्षण का समर्थन किया।
- राष्ट्रीय और राज्य दलों के बीच कम विवाद: जैसे-जैसे शासन में राज्य स्तरीय दलों की भूमिका अधिक स्वीकृत होती गई, पार्टियों के बीच का अंतर कम महत्वपूर्ण होता गया।
- गठबंधन की राजनीति ने राजनीतिक दलों का ध्यान वैचारिक मतभेदों से हटाकर सत्ता-बंटवारे की व्यवस्था की ओर हटा दिया है।
प्रश्न 3. 2015 के चुनावों में भाजपा की जीत से गठबंधन सरकारों का अंत हो गया है। इस कथन के पक्ष और विपक्ष में तीन-तीन तर्क दीजिए।
उत्तर:
पक्ष में तर्क :
- 1984 के बाद पहली बार केन्द्र में किसी का दल को बहुमत प्राप्त हुआ।
- अधिकतर क्षेत्रीय दलों की शक्ति में कीमत।
- राष्ट्रीय दलों मुख्यतः कांग्रेस सहित UPA का सफाया।
विपक्ष में तर्क :
- पूर्ण बहुमत प्राप्त कर लेने के बाद भी भाजपा का NDA को साथ ले कर चलना।
- तीन क्षेत्रीय दलों यथा तृणमूल कांग्रेस, बीजू जनता दल और अन्नाद्रुमुक का अपने-अपने राज्यों में पूर्ण वर्चस्व कायम।
- राज्य सभा के बिना गठबंधन यह सरकार फेल साबित होगी क्योंकि वहाँ बहुमत नहीं है।
प्रश्न 4. गठबंधन सरकारो के कारण केन्द्र राज्य संबंधों में क्या परिवर्तन आया है ? किन्हीं तीन परिवर्तनों को समझायें।
उत्तर:
- धारा 356 का दुरुपयोग कम हुआ।
- राज्यों में केन्द्र का हस्तक्षेप कम
- अधिकतर राज्यों में राष्ट्रीय दलों का कमजोर पड़ना इत्यादि
प्रश्न 5. संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार के कार्यों का तर्कपूर्ण विश्लेषण करो?
उत्तर:
- RTI एवं RTE लागू कर लोकतंत्र को परिपक्व करना।
- खाद्य सुरक्षा बिल द्वारा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों को खाने का अधिकार देना।
- मनरेगा द्वारा 100 दिनों तक रोजगार उपलब्ध कराना तथा रोजगार न होने की स्थिति में भत्ते की गारंटी। इससे गाँव से शहर की ओर पलायन रोकने में मदद मिली।
- उच्च शैक्षिक संस्थानों में OBC को 27 प्रतिशत आरक्षण देकर आरक्षण राजनीति को बढ़ावा आदि।
प्रश्न 6. निम्नलिखित पर टिप्पणी करो?
i) स्वच्छ भारत मिशन
ii) मेक इन इंडिया
उत्तर:
स्वच्छ भारत मिशन
- पूरे देश में स्वच्छता पर जोर
- गांधी जयंती पर विशेष सफाई अभियान
- स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत का नारा आदि।
मेक इन इंडिया
- बहुराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय कम्पनियों को अपने उत्पाद भारत में बनाने हेतु प्रेरित करना।
- अधिक विदेशी मुद्रा
- रोजगार में वृद्धि का लक्ष्य।
- मैन्युफैकचरिंग में भारत को आगे ले जाना।
- व्यापार में सुविधा बढ़ाना आदि।
प्रश्न 7. आपतकाल के बाद के दौर में भारतीय जनता पार्टी एक महत्वपूर्ण राजनैतिक दल के रूप में उभरी। इस दौर में दल के विकास क्रम का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
- आपातकाल के दौरान भाजपा नाम की कोई पार्टी अस्तित्व में नहीं थी। 1977 में बनी पहली विपक्ष पार्टी जनता पार्टी की सरकार में भारतीय जनसंघ का प्रतिनिधित्व अवश्य था। कालांतर में 1980 में भारतीय जनसंघ को समाप्त कर भारतीय जनता पार्टी का गठन किया गया। अटल बिहारी वाजपेयी इसके संस्थापक अध्यक्ष बने।
- श्रीमती इंदिरा गाँधी की हत्या 1984 में कर दी गई। चुनावों में कुछ सहानुभूति की लहर होने के कारण कांग्रेस को जबरदस्त सफलता मिली जबकि भारतीय जनता पार्टी को केवल दो सीटें ही प्राप्त हुई। स्वयं अटल बिहारी वाजपेयी ग्वालियर से चुनाव हार गए। सफलता ने अभी भाजपा के कदम नहीं चूमे थे। इस बीच रामजन्म – भूमि की ताला खुलने का अदालती आदेश आ चूका था। कांग्रेस सरकार ने वहाँ का ताला खुलवाया। भाजपा ने इसका राजनितिक लाभ उठाने का फैसला किया।
- 1989 के चुनावों में इसे आशा से अधिक सफलता मिली और इसने कांग्रेस का विकल्प बनने की इक्छा शक्ति दिखाई। जो भी हो कांग्रेस से बहार हुए वी. पी. सिंह ने जनता दल का गठन किया तथा 1989 के चुनाव लड़े। उन्हें पूर्ण बहुमत नहीं मिली पर भाजपा ने उन्हें बाहर से समर्थन देकर संयुक्त मोर्चा की सरकार का गठन कराया। भाजपा के नेता लालकृष्ण अडवाणी ने हिंदुत्व तथा राम मंदिर के मुद्दे को लेकर एक रथ यात्रा का आयोजन किया। यह यात्रा जब बिहार से गुजर रही थी तो तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने इसे रोक दिया। भाजपा ने इस मुद्दे पर केंद्र से समर्थन वापस ले लिया और वी. पी. सिंह की सरकार जाती रही।
- भाजपा ने 1991 तथा 1996 के चुनावों में अपनी स्थिति लगातार मजबूत की। 1996 के चुनावों में यह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। इस नाते भाजपा को सरकार बनाने का न्योता मिला। लेकिन अधिकांश दल भाजपा की कुछ नीतियों के खिलाफ थे और इस वजह से भाजपा की सरकार लोकसभा में बहुमत प्राप्त नहीं कर सकी। आख़िरकार भाजपा एक गठबंध न (राष्ट्रिय जनतांत्रिक गठबंधन – राजग) के अगुआ के रूप में सत्ता में आयी और 1998 के मई से 1999 के जून तक सत्ता में रहीं। फिर, 1999 में इस गठबंधन ने दोबारा सत्ता हासिल की। राजग की इन दोनों सरकारों में अटल बिहारी वाजपेयी प्रधनमंत्री बने। 1999 की राजग सरकार ने अपना निर्धारित कार्यकाल पूरा किया। 2004 में पुनः चुनाव को अपेक्षित सफलता नहीं मिली।
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