पाठ – 5
औद्योगिक समाज में परिवर्तन और विकास
इस पोस्ट में क्लास 12 के नागरिक सास्त्र के पाठ 5 औद्योगिक समाज में परिवर्तन और विकास (Change and Development in Industrial Society) के नोट्स दिये गए है। यह उन सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है जो इस वर्ष कक्षा 12 में है एवं नागरिक सास्त्र विषय पढ़ रहे है।
Textbook | NCERT |
Class | Class 12 |
Subject | Sociology |
Chapter no. | Chapter 5 |
Chapter Name | औद्योगिक समाज में परिवर्तन और विकास (Change and Development in Industrial Society) |
Category | Class 12 Sociology Notes in Hindi |
Medium | Hindi |
2. औद्योगिक समाज में परिवर्तन और विकास
2.1. औद्योगीकरण
2.2. औद्योगिक समाज
इस पाठ में मुख्य रूप से हम औद्योगिक समाज के विकास की प्रक्रिया को समझेंगे और यह जानने का प्रयास करेंगे कि कैसे समय के साथ-साथ इस समाज की संरचना में परिवर्तन आया है
औद्योगीकरण
समाज में उद्योगों का विकास और उद्योगों में मानवीय श्रम के स्थान पर मशीनों का बढ़ता प्रयोग औद्योगीकरण कहलाता है
औद्योगीकरण की विशेषताएं
- औद्योगीकरण एक प्रक्रिया है
- इस प्रक्रिया के दौरान उत्पादन की प्रक्रिया का विकास होता है और बड़े स्तर पर उत्पादन की शुरुआत होती है
- इस विकास की प्रक्रिया में बड़ी-बड़ी मशीनों और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जाता है
- औद्योगीकरण के दौरान उत्पादन प्रक्रिया मानव श्रम के बजाय मशीनों पर अधिक निर्भर हो जाती है
- इस प्रक्रिया से उत्पादन में वृद्धि होती है
औद्योगिक समाज
एक ऐसा समाज जो औद्योगीकरण की प्रक्रिया से गुजर रहा हो और जिस समाज में उद्योगों की एक महत्वपूर्ण भूमिका हो औद्योगिक समाज कहलाता है
औद्योगिक समाज की विशेषताएं
- औद्योगिक समाज अलग-अलग वर्गों में बटा होता है
- समाज के सभी व्यक्ति समान बुनियादी ढांचा साझा करते हैं परंतु सब का जीवन स्तर अलग-अलग होता है
- प्रौद्योगिकीय विकास के कारण सामाजिक विकास के स्तर में वृद्धि होती है
- औद्योगीकरण और नगरीकरण की प्रक्रिया एक साथ जुड़ी होने के कारण नगरीय समाज का विकास होता है
- व्यक्ति और समाज के जुड़ाव में कमी आती है
औद्योगिक समाज के लाभ
- उच्च वेतन वाली नौकरियां
- उच्च जीवन स्तर
- जातिगत भेदभाव की समाप्ति
- अपनी बात कहने की स्वतंत्रता
- समाज में समानता की भावना
- नगरीय क्षेत्र का विकास
- श्रम विभाजन
औद्योगिक समाज की कमियां
- आर्थिक विभाजन/ अमीर और गरीब के बीच भेद
- जीवन स्तर एवं जीवन शैली में अंतर
- व्यक्ति और समाज के जुड़ाव में कमी
- अपराध की दर में वृद्धि
- बुरी आदतों की लत
- मजदूरों का शोषण
औद्योगीकरण और आधुनिकीकरण
- विश्व में उपस्थित सबसे उच्च स्तरीय विचारों एवं प्रक्रियाओं को अपनाना आधुनिकीकरण कहलाता है
- औद्योगीकरण एवं आधुनिकीकरण एक दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं
- औद्योगीकरण, आधुनिकीकरण की प्रक्रिया का ही एक भाग है
भारतीय समाज एवं औद्योगीकरण
- भारत में औद्योगीकरण की प्रक्रिया के दौरान हुए अधिकतर अनुभव पश्चिमी देशों से कई प्रकार से समान है
- भारत में औद्योगीकरण की प्रक्रिया को मुख्य रूप से दो चरणों में बांटा जाता है
- पहला चरण – भारत में स्वतंत्रता के प्रारंभिक वर्षों में औद्योगीकरण
- दूसरा चरण – भारत की नई आर्थिक नीति 1991 के बाद औद्योगीकरण
पहला चरण स्वतंत्रता के प्रारंभिक वर्षों में औद्योगीकरण
- भारत की आजादी से पूर्व औपनिवेशिक काल के दौरान रुई, जूट, कपास, कोयला तथा रेलवे जैसे अनेक उद्योगों का विकास हुआ
- आजादी के बाद भारत ने मिश्रित अर्थव्यवस्था को अपनाया
- मिश्रित अर्थव्यवस्था
- मिश्रित अर्थव्यवस्था में समाजवाद तथा पूंजीवाद दोनों की विशेषताओं को शामिल किया गया। देश में छोटे उद्योगों का विकास निजीं क्षेत्र में किया गया तथा बड़े उद्योगों के विकास की जिम्मेदारी सरकार ने अपने कंधो पर ली।
- मिश्रित अर्थव्यवस्था
- आजादी के बाद भारत सरकार ने आर्थिक विकास पर बल दिया और सुरक्षा, ऊर्जा, परिवहन, संचार एवं खनन उद्योगों के विकास पर जोर दिया
- आजादी से पहले भारत में मुख्य उद्योग केवल ऐसे प्रदेशों में विकसित थे जहां पर बंदरगाह उपस्थित थे उदाहरण के लिए मुंबई, चेन्नई, कोलकाता आदि
- आजादी के बाद भारतीय सरकार ने अन्य क्षेत्रों के विकास पर जोर दिया जिस वजह से बड़ौदा, पुणे, कोयंबटूर, फरीदाबाद और बेंगलुरु जैसे औद्योगिक नगरों का विकास हुआ
दूसरा चरण भारत की नई आर्थिक नीति 1991 के बाद औद्योगीकरण
- नरसिम्हा राव की सरकार द्वारा 1991 में नई आर्थिक नीति को अपनाया गया
- उस दौर में भारत के वित्त मंत्री डॉ मनमोहन सिंह थे जो आगे जाकर देश के प्रधानमंत्री भी बने
- इस नई आर्थिक नीति को LPG कहा गया
- नई आर्थिक नीति के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था का तेजी से विकास हुआ
- कई नए उद्योगों की स्थापना हुई और भारत औद्योगीकरण की प्रक्रिया को बल मिला
- नई आर्थिक नीति के मुख्य तीन पहलू थ
- उदारीकरण
- उदारीकरण के द्वारा सरकार व्यापार करने की नीतियों को सरल बनाना चाहती थी जिससे देश के अंदर व्यापार बड़े और विकास की गति में तेजी आए
- निजीकरण
- निजीकरण सरकारी कंपनियों को धीरे-धीरे निजी हाथों में सौंपने की प्रक्रिया है जिससे कंपनियों की उत्पादकता एवं कार्यक्षमता में वृद्धि होती है।
- वैश्वीकरण
- वैश्वीकरण के द्वारा सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्व की अर्थव्यवस्था से जोड़ने के प्रयास किए जिस वजह से देश में वस्तुओं और सेवाओं के प्रवाह में वृद्धि हुई और विकास की गति में तेजी आई
- उदारीकरण
नई आर्थिक नीति की विशेषताएं
- अर्थव्यवस्था पर सरकारी नियंत्रण कम करना
- उद्योगों को लाइसेंसिंग की प्रक्रिया से मुक्त करना
- गैर जरूरी प्रतिबंधों को कम करना
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा देना
- उद्योगों को नौकरशाही के चंगुल से मुक्त करना
- निजी क्षेत्र के विकास पर बल देना
- उद्योगों में सार्वजनिक क्षेत्र के प्रभाव को कम करना
- आयात निर्यात को प्रोत्साहित करना
- सार्वजनिक उद्योगों को निजी करके उत्पादकता एवं लाभ में वृद्धि करना
नौकरी प्राप्ति की प्रक्रिया का विकास
- आधुनिकीकरण की प्रक्रिया के साथ-साथ एक व्यक्ति के रोजगार पाने की प्रक्रिया में भी परिवर्तन आता है
- उदाहरण के लिए
- पुराने समय में एक व्यक्ति को नौकरी उसके व्यक्तिगत संबंधों के कारण मिलती थी
- धीरे-धीरे इस प्रक्रिया में परिवर्तन आया और समाचार पत्रों एवं पत्रिकाओं में छपने वाले विज्ञापन नौकरी प्राप्ति का आधार बने
- वर्तमान के आधुनिक समाज में बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी पाने हेतु कंपनियों की वेबसाइट पर आवेदन देने की प्रक्रिया शुरू हुई
औद्योगीकरण एवं उत्पादन की प्रक्रिया
- औद्योगीकरण के कारण उत्पादन की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव आया है
- वर्तमान दौर में बड़ी बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों में प्रबंधकों द्वारा पूरी प्रक्रिया एवं मजदूरों को नियंत्रित किया जाता है
- उत्पादन बढ़ाने के लिए आधुनिक तरीकों का प्रयोग किया जाता है
- उत्पादन प्रक्रिया में श्रमिकों की बजाय मशीनों का अधिक प्रयोग किया जाता है
- आधुनिकीकरण की प्रक्रिया के कारण रोजगार के नए क्षेत्रों का उदय हुआ है उदाहरण के लिए सॉफ्टवेयर अभियंता आदि!
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