📘 अध्याय 2 – वन एवं वन्य जीव संसाधन

कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान – भूगोल, अध्याय 2: वन एवं वन्य जीव संसाधन का हिंदी रूप:


 

मुख्य सारांश

1. परिचय

  • भारत जैव विविधता से समृद्ध है: यहाँ विश्व की लगभग 8% प्रजातियाँ पाई जाती हैं।

  • वन और वन्य जीव पारिस्थितिक संतुलन के लिए आवश्यक हैं।

  • अत्यधिक दोहन के कारण जैव विविधता में भारी कमी आई है।


2. भारत में जैव विविधता के प्रकार

  • सामान्य प्रजाति (Normal): पर्याप्त संख्या में पाई जाती है (जैसे गाय, चीड़)।

  • संकटग्रस्त प्रजाति (Endangered): विलुप्त होने के कगार पर (जैसे काला हिरण, मगरमच्छ)।

  • असुरक्षित प्रजाति (Vulnerable): संकटग्रस्त बनने की संभावना (जैसे नीलगाय, हिम तेंदुआ)।

  • दुर्लभ प्रजाति (Rare): बहुत कम संख्या में (जैसे हॉर्नबिल)।

  • स्थानिक प्रजाति (Endemic): केवल विशेष क्षेत्र में पाई जाती है (जैसे अंडमान वाइल्ड पिग)।

  • विलुप्त प्रजाति (Extinct): अब अस्तित्व में नहीं (जैसे एशियाई चीता)।


3. वन और वन्य जीव संसाधनों के क्षरण के कारण

  • कृषि के लिए वनों की कटाई।

  • चराई हेतु अति-दोहन।

  • शिकार और अवैध शिकार।

  • खनन और औद्योगिकीकरण।

  • शहरीकरण, सड़क और बांध परियोजनाएँ।

  • प्रदूषण और जंगल की आग।


4. संरक्षण के उपाय

  • सरकारी प्रयास:

    • भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (1972)।

    • प्रोजेक्ट टाइगर, प्रोजेक्ट एलिफेंट।

    • जैवमंडल रिज़र्व, राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य।

  • सामुदायिक प्रयास:

    • चिपको आंदोलन

    • राजस्थान के बिश्नोई समुदाय द्वारा काला हिरण की रक्षा।

    • मेघालय, मध्यप्रदेश आदि के पवित्र उपवन (Sacred Groves)


5. वनों के प्रकार (स्वामित्व के आधार पर)

  • अभिसंरक्षित वन (Reserved): सर्वाधिक संरक्षित, सरकारी नियंत्रण।

  • संरक्षित वन (Protected): आंशिक सुरक्षा, कुछ गतिविधियाँ अनुमति-योग्य।

  • अवर्गीकृत वन (Unclassed): न तो अभिसंरक्षित, न संरक्षित; मुख्यतः सामुदायिक या निजी स्वामित्व।


6. समुदाय और वन

  • स्थानीय लोग वनों पर ईंधन, चारा, औषधि और भोजन के लिए निर्भर।

  • संयुक्त वन प्रबंधन (Joint Forest Management, 1988) योजना के तहत स्थानीय समुदायों की भागीदारी।


📝 NCERT प्रश्नोत्तर (संक्षेप में)

प्रश्न 1. सामान्य, संकटग्रस्त, असुरक्षित और विलुप्त प्रजातियों की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।

👉

  • सामान्य: पर्याप्त संख्या (जैसे गाय, चीड़)।

  • संकटग्रस्त: विलुप्त होने के कगार पर (जैसे बाघ, मगरमच्छ)।

  • असुरक्षित: संकटग्रस्त बनने की संभावना (जैसे हिम तेंदुआ, नीलगाय)।

  • विलुप्त: अब अस्तित्व में नहीं (जैसे एशियाई चीता)।


प्रश्न 2. भारत में वन और वन्य जीव संसाधनों के क्षरण के प्रमुख कारण क्या हैं?

👉 वनों की कटाई, चराई, शिकार, खनन, औद्योगिकीकरण, शहरीकरण, विकास परियोजनाएँ, प्रदूषण।


प्रश्न 3. भारत सरकार ने संरक्षण हेतु क्या कदम उठाए?

👉

  • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (1972)।

  • प्रोजेक्ट टाइगर, प्रोजेक्ट एलिफेंट।

  • जैवमंडल रिज़र्व, राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य।


प्रश्न 4. समुदायों ने संरक्षण में कैसे योगदान दिया?

👉 चिपको आंदोलन, बिश्नोई समुदाय, पवित्र उपवनों की रक्षा आदि।


प्रश्न 5. अभिसंरक्षित, संरक्षित और अवर्गीकृत वनों में अंतर बताइए।

👉

  • अभिसंरक्षित वन: सर्वाधिक संरक्षण, सरकारी नियंत्रण।

  • संरक्षित वन: आंशिक संरक्षण, सरकारी + सामुदायिक नियंत्रण।

  • अवर्गीकृत वन: न सरकारी सुरक्षा, न अभिसंरक्षित; अधिकतर सामुदायिक स्वामित्व।


🌍 निष्कर्ष

वन और वन्य जीव पारिस्थितिक संतुलन के लिए आवश्यक हैं। इनके संरक्षण में सरकार, समुदाय और व्यक्तियों की संयुक्त भूमिका जरूरी है।

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