पाठ – 7
संघवाद
- संघवाद वह व्यवस्था हैजिसमे सारी शक्तियों को केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार को बीच इस प्रकार बाँटा जाता है जिससे दोनो सरकार स्वतंत्र रूप से कार्य कर सके।
लक्षण
- लिखित संविधान
- कठोर संविधान
- शक्तियों का विभाजन
- स्वतंत्र न्याय पालिका
- विधान मंडल मे दो सदन
- दोहरी नागरीकता
गुण
- बड़े -बड़े देशो के लिए लाभदायक
- निरंकुशता पर रोक
- विविधता मे एकता
- संकटो से बचाव
- स्वायत्ता
दोष
- बहुत खर्चीली
- नागरिको की निष्ठा विभाजित
- प्रशासकीय तरीके से ज्यादा प्रभावी नही
- विदेश नीति लागू करना कठिन
- शासन व्यवस्था जटिल
भारत मे संघात्मक व्यवस्था अपनाई गई है इस वजह से
- शक्तियों का विभाजन –
- लिखित संविधान
- कठोर संविधान
- संविधान की सर्वोच्चता
- न्यायपालिका की सर्वोच्चता
- विधान पालिका मे दो सदन
- दोहरी शासन प्रणाली
संघ व राज्यो मे संबंध
1. वैधानिक संबंध
शक्तियों का विभाजन
(भाग 11 अनुछेद245-255)
संघ सूची
- 97 विषय (रक्षा, विदेशीसम्बन्ध, डाक, रेलवे, टेलीफोन, सिक्के, आदि।)
राज्य सूची
- 66 विषय (कृषि, स्थानीयशासन, स्वास्थ्य, सड़के, पुलिस, आदि।)
समवर्ती सूची
- 47 विषय (शिक्षा, आर्थिक व सामाजिक संबंध, वन, आदि।)
नोट: – बाकी बचे हुए विषयो पर अधिकार संघ का ।
2. प्रशासनिक सम्बन्ध
3. वित्तीय सम्बन्ध
4. कर संबंधी सम्बन्ध
भारतीय संघ की एकात्मक विशेषताएं
- शक्तियों का विभाजन केन्द्र के पक्ष मे
- राज्यसूची मे केन्द्र का हस्तक्षेप
- राज्यपाल की नियुक्ति
- अलग संविधान नही
- संघ से अलग होने का अधिकार नही
- राज्यसभा मे राज्यो को समान प्रतिनिधित्व नही
- इकहरी नागरिकता
- इकहरी न्याय व्यवस्था
- संवैधानिष्य संशोधन संघीय सरकार द्वारा
- संकटकाल मे एकात्मक
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