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पाठ – 1

राजनीतिक सिद्धांत: एक परिचय

राजनीति का अर्थ:-

राजनीति दो शब्दों का एक समूह है राज+नीति। (राज मतलब शासन और नीति मतलब उचित समय और उचित स्थान पर उचित कार्य करने की कला) अर्थात् नीति विशेष के द्वारा शासन करना या विशेष उद्देश्य को प्राप्त करना राजनीति कहलाती है। दूसरे शब्दों में कहें तो जनता के सामाजिक एवं आर्थिक स्तर (सार्वजनिक जीवन स्तर) को ऊँचा करना राजनीति है।

राजनीति क्या है?

राजनीति को परिभाषित करने के लिए विद्वानों के अलग – अलग मत है सामान्य तौर पर:-

  • राजनीति शासन करने की कला और राजनीति सरकार के क्रियाकलापों को ठीक से चलाने की सीख देती है।
  • राजनीति प्रशासन संचालन के विवादों का हल प्रस्तुत करती है।
  • राजनीति भागीदारी करना सिखाती है लेकिन आम व्यक्ति का सामना राजनीति की परस्पर विरोधी छवियों से होता हे, आज राजनीति का संबंध निजी स्वार्थ साधने से जुड़ गया है।

राजनीतिक सिद्धांत:-

राजनीतिक सिद्धांत का मुख्य विषय राज्य व सरकार है। यह स्वतंत्रता, समानता, न्याय व लोकतंत्र जैसी अवधारणाओं का अर्थ स्पष्ट करता है।

राजनीतिक सिद्धांत का उद्देश्य:-

नागरिकों को राजनीतिक प्रश्नों के बारे में तर्क संगत ढंग से सोचने और सामाजिक राजनीतिक घटनाओं को सही तरीके से आंकने का प्रशिक्षण देना है। गणित के विपरीत जहां त्रिभुज या वर्ग की निश्चित परिभाषा होती है राजनीतिक सिद्धांत में हम समानता आजादी या न्याय की अनेक परिभाषाओं से  रूबरू होते है।

राजनीतिक सिद्धान्त में हम क्या पढ़ते है?

राजनीतिक सिद्धान्त में हम जीवन के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करते है जैसे सामाजिक जीवन, सरकार और संविधान, स्वतंत्रता समानता, न्याय, लोकतंत्र, धर्म निरपेक्ष आदि।

राजनीतिक सिद्धांतों को व्यवहार में उतारना:-

राजनीति का स्वरूप समय के साथ साथ बदलता रहता है, राजनीतिक सिद्धांतों जैसे कि स्वतंत्रता और समानता को व्यवहार में उतारने का काम बहुत मुश्किल है। हमें अपने पूर्वाग्रहों का त्याग करके, इन्हें अपनाना चाहिए, राजनीतिक सिद्धांत के अध्ययन के द्वारा हम राजनीतिक व्यवस्थाओं के बारे में अपने विचारों तथा भावनाओं का परीक्षण कर सकते  है, हम यह समझ सकते है कि सचेत नागरिक ही देश का विकास कर सकते है, राजनीतिक सिद्धांत कोई वस्तु नहीं है यह मनुष्य से संबधित है उदहारण के लिए समानता का अर्थ सभी के लिए समान अवसर है फिर भी महिलाओं, वृद्धों या विकलांगों के लिए अलग व्यवस्था की गई है अतः हम कह सकते है कि पूर्ण समानता संभव नहीं है भेदभाव का तर्क संगत आधार जरूरी है।

हमें राजनीतिक सिद्धांत क्यों पढ़ना चाहिए?

  • भविष्य में आने वाली समस्याओं के समय एक दृढ निर्णय लेने वाला नागरिक बनने के लिए।
  • एक अधिकार संपन्न एवं जागरूक नागरिक बनने के लिए राजनीतिक चेतना जागृत करने के लिए।
  • समाज से पूर्वाग्रहों को समाप्त करने एवं एकता कायम करने लिए।
  • वाद – विवाद, तर्क – वितर्क, लाभ – हानि का आंकलन करने के बाद सही निर्णय लेने की कला सीखने के लिए हमें राजनीतिक सिद्धांत पढ़ना चाहिए।
  • शासन व्यवस्था की जानकारी के लिए।
  • लोकतंत्र की उपयोगिता का ज्ञान।
  • अधिकार एंव कर्तव्यों को समझने के लिए।
  • अंतर्राष्ट्रीय शांति व सहयोग को बढ़ावा देने के लिए।

ऐसा इसलिए है कि समानता, न्याय जैसे शब्दों का सरोकार किसी वस्त के। बजाय अन्य मनुष्यों के साथ हमारे संबंधों से होता है। राजनीतिक सिद्धांत हमें राजनीतिक चीजों के बारे में अपने विचार व व्यवहार से भावनाओं के परीक्षण के लिए प्रोत्साहित करता है।

राजनीति विज्ञान व राजनीति दो अलग – अलग धारणाएं है। राजनीति विज्ञान का जन्म राजनीति से पूर्व हुआ है, यह नैतिकता पर आधारित है जबकि राजनीति अवसर व सुविधा पर आधारित है।


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