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पाठ 12, हीरोन का सूत्र

त्रिभुज का क्षेत्रफल

त्रिभुज के क्षेत्रफल के लिए साधारण फार्मूला   x आधार x लंब दिया गया है।

त्रिभुज का क्षेत्रफल =  × आधार × ऊँचाई

त्रिभुज का क्षेत्रफल – हीरोन के सूत्र द्वारा

हीरोन ने त्रिभुज की तीनों भुजाओं के पदों में उसके क्षेत्रफल का प्रसिद्ध (या सुपरिचित) सूत्र प्रतिपादित किया है। हीरोन के इस सूत्र को हीरो का सूत्र भी कहा जाता है। इसे नीचे दिया जा रहा हैः

त्रिभुज का क्षेत्रफल = √{s(s − a) (s − b) (s − c)}

जहाँ a, b और c त्रिभुज की भुजाएँ हैं तथा

s = त्रिभुज का अर्द्धपरिमाप =  है।

नोट: यह सूत्र उस स्थिति में सहायक होता है, जब त्रिभुज की ऊँचाई सरलता से ज्ञात न हो सकती हो।

  • त्रिभुज का अर्ध-परिमाप त्रिभुज के परिमाप का आधा होता है।
  • त्रिभुज की तीन भुजाएँ a, b और c हैं। जहाँ भुजा a, शीर्ष A के विपरीत भुजा को दर्शाती है, जिसका अर्थ है भुजा BC। इसी प्रकार, भुजाएँ b और c, शीर्ष B और C के विपरीत भुजाओं को दर्शाती हैं  जिसका अर्थ क्रमशः भुजाएँ AC और AB है।
  • हीरोन का सूत्र तब उपयोगी होता है जब त्रिभुज की ऊँचाई न दी गई हो या आसानी से ज्ञात न हो सके।

हल सहित उदाहरण

एक त्रिभुजाकार पार्क ABC का क्षेत्रफल ज्ञात करने के लिए, इस सूत्र का प्रयोग करें। जिसकी भुजाएं a = 40 m, b = 24 m और c = 32 m हैं।

हल:

सबसे पहले हम s ज्ञात करते हैं:

s =  m

= 48 m

हीरोन के सूत्र द्वारा त्रिभुज का क्षेत्रफल = √{s(s − a) (s − b) (s − c)}

= √{48(48 − 40) (48 − 24) (48 − 32)} m²

= √{48(48 − 40) (48 − 24) (48 − 32)} m²

= √{48(8) (24) (16)} m²

= 384 m²

एक त्रिभुज का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए जिसकी दो भुजाएँ 8 Cm और 11 Cm हैं और जिसका परिमाप 32 Cm है।

यहाँ परिमाप = 32 cm, a = 8 cm तथा b = 11 cm है।

इसलिए तीसरी भुजा c = 32 cm – (8 + 11) cm = 13 cm

अब, 2s = 32 है इसलिए, s = 16 cm,

s – a = (16 – 8) cm = 8 cm,

s – b = (16 – 11) cm = 5 cm,

s – c = (16 – 13) cm = 3 cm

इसलिए, त्रिभुज का क्षेत्रफल = √{s(s − a) (s − b) (s − c)}

= √{16(8) (5) (3)} cm²

= 8√30 cm²

एक त्रिभुजाकार भूखंड की भुजाओं का अनुपात 3: 5: 7 है और उसका परिमाप 300 m है। इस भूखंड का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।

मान लीजिए भुजाएँ (मीटरों में) 3x, 5x और 7x हैं।

तब, हम जानते हैं कि 3x + 5x + 7x = 300 (त्रिभुज का परिमाप)

इसलिए, 15x = 300 है, जिससे x = 20 प्राप्त होता है।

इसलिए, त्रिभुज की भुजाएँ 3 × 20 m, 5 × 20 m और 7 × 20 m हैं।

अर्थात् ये भुजाएँ 60 m, 100 m और 140 m हैं।

अब हीरोन का सूत्र प्रयोग करके क्षेत्रफल ज्ञात कर सकते हैं:

यहाँ 2s = 300 m इसलिए s = 150 m

इसलिए, क्षेत्रफल = √{s(s − a) (s − b) (s − c)}

= √{150(150 − 60) (150 − 100) (150 − 140)}

= √{150(90) (50) (10)} = 1500√3 m²

चतुर्भुजों के क्षेत्रफल ज्ञात करने में हीरोन के सूत्र का अनुप्रयोग

एक चतुर्भुज जिसकी भुजाएँ तथा एक विकर्ण दिए हों, तो उसका क्षेत्रफल उसे दो त्रिभुजों में विभाजित करके और फिर हीरोन के सूत्र का प्रयोग करके ज्ञात किया जा सकता है।

हल सहित उदाहरण

कमला के पास 240m, 200m और 360m भुजाओं वाला एक त्रिभुजाकार खेत है, जहाँ वह गेहूँ उगाना चाहती है। इसी खेत से संलग्न 240m, 320m और 400m भुजाओं वाला एक अन्य खेत है, जहाँ वह आलू और प्याज उगाना चाहती है। उसने इस खेत की सबसे लम्बी भुजा के मध्य-बिन्दु को सम्मुख शीर्ष से जोड़कर उसे दो भागों में विभाजित कर दिया। इनमें से एक भाग में उसने आलू उगाए और दूसरे भाग में प्याज उगाई। गेहूँ, आलू और प्याज के लिए कितने-कितने क्षेत्रफलों (हेक्टेयर में) का प्रयोग किया गया है? (1 हेक्टेयर = 10000m² है)

हल:

मान लीजिए ABC वह खेत है, जहाँ गेहूँ उगाया गया है। साथ ही, ACD वह खेत है जिसकी भुजा AD के मध्य-बिन्दु E को C से जोड़कर इस खेत को दो भागों में विभाजित किया गया है।

a = 200 m, b = 240 m, c = 360 m

अतः s =  m = 400 m

इसलिए, गेहूँ उगाने के लिए क्षेत्रफल

= √{400(400 − 200) (400 – 240) (400 – 360)} m²

= √{400(200) (160) (40)} m²

= 16000√2 m² = 1.6 × √2 हेक्टेयर

= 2.26 हेक्टेयर

आइए अब ∆ ACD के क्षेत्रफल की गणना करते हैं

यहाँ, s =

अतः ∆ ACD का क्षेत्रफल = √{480(480 − 240) (480 − 320) (480 − 400)} m²

= √{480(240) (160) (80)} m²

= 38400 m² = 3.84 हेक्टेयर

ध्यान दीजिए कि AD के मध्य-बिन्दु E को सम्मुख शीर्ष C से जोड़ने वाला रेखाखंड त्रिभुज ACD को बराबर क्षेत्रफलों वाले दो भागों में विभाजित करता है। क्या आप इसका कारण बता सकते हैं? वास्तव में, इन दोनों भागों के बराबर आधार AE और ED हैं तथा निःसंदेह इनकी संगत ऊँचाइयाँ भी बराबर हैं।

अतः, आलू उगाने के लिए क्षेत्रफल = प्याज उगाने के लिए क्षेत्रफल

= (3.84 ÷ 2) हेक्टेयर = 1.92 हेक्टेयर

हीरोन के सूत्र द्वारा एक समद्विबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल

माना △ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है और इसकी भुजाएँ a, b, और b हैं। इस समद्विबाहु △ABC, में भुजाएँ AB और AC बराबर भुजाएँ हैं।

सबसे पहले, हम समद्विबाहु △ABC का अर्ध-परिमाप ज्ञात करेंगे।

समद्विबाहु △ABC का अर्ध-परिमाप, s = (a + b + b)/2 = (a + 2b)/2

अब, समद्विबाहु △ABC का क्षेत्रफल = √s(s – a)(s – b)(s – b)

= √s(s – a)(s – b)2

= (s – b)√s(s – a)

चूँकि s = (a + 2b)/2 इसलिए,

= {(a + 2b/2) – b}√{(a + 2b)/2}[{(a + 2b)/2} – a]

= {(a + 2b – 2b)/2}√{(a + 2b)/2}[{(a + 2b – 2a)/2}]

= (a/2)√{(a + 2b)/2}[{(2b – a)/2}]

= (a/2)√{(2b + a)/2}{(2b – a)/2}

= (a/2)√[{(2b)2 – a2}/4]

= (a/2)(1/2)√{4b2 – a2}

= (a/4)√(4b2 – a2)

हीरोन के सूत्र द्वारा एक समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल

तीनों भुजाओं की समान माप वाला त्रिभुज एक समबाहु त्रिभुज होता है।

माना △ABC एक समबाहु त्रिभुज है और इसकी तीन भुजाएँ a, a और a हैं।

सबसे पहले, हम समबाहु △ABC का अर्ध-परिमाप ज्ञात करेंगे।

समबाहु △ABC का अर्ध-परिमाप, s = (a + a + a)/2 = 3a/2

अब, समबाहु △ABC का क्षेत्रफल = √s(s – a)(s – a)(s – a)

= √s(s – a)(s – a)2

= (s – a)√s(s – a)

चूँकि s = 3a/2 इसलिए,

= (3a/2 – a)√(3a/2)(3a/2 – a)

= {(3a – 2a)/2}√(3a/2){(3a – 2a)/2}

= (a/2)√(3a/2)(a/2)

= (a/2)√(3a2/4)

= (a/2)(a/2)√3

= (a2/4)√3

स्मरणीय तथ्य:

यदि त्रिभुज की भुजाएँ a, b और c हों, तो हीरोन के सूत्र द्वारा त्रिभुज का क्षेत्रफल

√{s(s − a) (s − b) (s − c)} होता है जहाँ s =  है।

एक चतुर्भुज जिसकी भुजाएँ तथा एक विकर्ण दिए हों, तो उसका क्षेत्रफल उसे दो त्रिभुजों में विभाजित करके और फिर हीरोन के सूत्र का प्रयोग करके ज्ञात किया जा सकता है।

उद्देश्य:

इस पाठ के अंत में आप निम्न करने में सक्षम हो जाएंगे।

  • हीरोन के सूत्र को परिभाषित करना।
  • हीरोन के सूत्र के लिए सूत्र लिखना।
  • हीरोन के सूत्र के प्रयोग से त्रिभुज का क्षेत्रफल ज्ञात करना।
  • हीरोन के सूत्र के प्रयोग से चतुर्भुजों का क्षेत्रफल ज्ञात करना।

परिभाषा

  • हीरोन के सूत्र का नामकरण 10 ई.पू. से 75 ई.पू. के बीच हुए ग्रीक अभियंता और गणितज्ञ अलेक्जेंड्रिया के हीरोन के नाम पर हुआ था।
  • हम इस सूत्र का प्रयोग त्रिभुज की तीनों भुजाओं की लम्बाई का प्रयोग करते हुए त्रिभुज का क्षेत्रफल ज्ञात करने के लिए कर सकते हैं।

  • त्रिभुज का क्षेत्रफल ज्ञात करने के लिए दिए गए हीरोन के सूत्र को हीरो का सूत्र भी कहा जाता है।

सूत्र:

हमें क्षेत्रफल ज्ञात करने के लिए आधार और ऊंचाई के । प्रयोग से क्षेत्रफल ज्ञात करने वाले सूत्र पर विश्वास करने की आवश्यकता नहीं है।

दो चरणों की प्रक्रिया का प्रयोग करनाः

चरण 1:  का प्रयोग करके “S”

(त्रिभुज के परिमाप का आधा) की गणना करना।

चरण 2:  का प्रयोग करके क्षेत्रफल ज्ञात करना। जहां a, b और c त्रिभुज की भुजाएं हैं।

उदाहरण: 1

यदि AB = 3, BC = 2, CA = 4 भुजाएं हों तो हीरोन के सूत्र से त्रिभुज ABC का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।

चरण 1: अर्धपरिमाप की गणना कीजिए जो कि  के बराबर है।

भुजाओं का मान रखने पर हमें प्राप्त होता है।

चरण 2:

S का मान

सूत्र में रखने पर,

उदाहरण: 2

एक त्रिभुज दिया हुआ है जिसका क्षेत्रफल 8.94 वर्ग इकाई है, परिमाप 16 और भुजाओं की लम्बाई AB = 3 और CA = 7 है, तो भुजा BC की लम्बाई कितनी है?

हल:

चरण 1: अर्धपरिमाप S की गणना कीजिए

यहां परिमाप 16 दिया है।

इसलिए,

चरण 2: ज्ञात मानक मान को इस सूत्र  में रखिए।

चूंकि का मान अज्ञात है, इसलिए मान लीजिए कि भुजा BC की लम्बाई x है।

अतः हमे प्राप्त होता है,

 

अब दोनों पक्षों का वर्ग करके x के लिए हल करिए।

चतुर्भुज का क्षेत्रफल ज्ञात करने में हीरोन के सूत्र का अनुप्रयोग:

यदि उनकी सभी भुजाओं की माप दी हुई हो तो हीरोन के सूत्र का प्रयोग चतुर्भुजों का क्षेत्रफल ज्ञात करने में भी किया जाता है।

हम चतुर्भुज को दो त्रिभुजों मे विभाजित करते हैं और फिर इसका क्षेत्रफल ज्ञात करते हैं।

यदि उन दोनों त्रिभुजों में से एक त्रिभुज समकोण त्रिभुज है तो पाइथागोरस के नियम के प्रयोग से उसका विकर्ण ज्ञात किया जा सकता है।

चतुर्भुज ABCD का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए जिसमें AB = 7 cm, BC = 6 cm, CD = 12 cm, DA = 15 cm और AC = 9 cm है।

ABC के लिए,

अब,

हीरोन के सूत्र से क्षेत्रफल

सूत्र में मान रखने से हमें प्राप्त होता है

ABC का क्षेत्रफल

का क्षेत्रफल

 का क्षेत्रफल = 20.98 cm

के लिए,

हीरोन के सूत्र के अनुसार

क्षेत्रफल

ACD का क्षेत्रफल

का क्षेत्रफल

का क्षेत्रफल = 54 cm2

अतः चतुर्भुज ABCD का क्षेत्रफल

= ABC का क्षेत्रफल + ACD का क्षेत्रफल

= 20.98 + 54

चतुर्भुज ABCD का क्षेत्रफल = 74.98 cm

क्या आप जानते हैं?

  • हीरोन का जन्म संभवतः 10 AD मिस्र में अलेक्जेंड्रिया नामक स्थान पर हुआ था। उन्होंने अनुप्रायोगिक गणित पर कार्य किया।
  • उनका ज्यामितीय कार्य मुख्यतः क्षेत्रमिति की समस्याओं से संबंधित था। यह कार्य तीन पुस्तकों में लिखा गया है।
  • इसी पुस्तक में, हीरोन ने त्रिभुज की तीनों भुजाओं के पदों में उसके क्षेत्रफल का प्रसिद्ध सूत्र प्रतिपादित किया है।

सारांश:

आइये हमने जो कुछ सीखा है, उसे संक्षेप में दोहराएं।

  • हीरोन के सूत्र द्वारा एक त्रिभुज के क्षेत्रफल जिसकी भुजाएं a, b और c हों, की गणना इस प्रकार की जाती है।

त्रिभुज का क्षेत्रफल

जहां

  • हीरोन के सूत्र का प्रयोग किसी अनियमित चतुर्भुज के क्षेत्रफल की गणना में किया जा सकता है यदि उसकी सभी भुजाएं दी हुई हों। इसके लिए हम चतुर्भुज को दो त्रिभुजों में परिवर्तित करते हैं और फिर हीरोन के सूत्र का प्रयोग करते हैं।

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