पाठ 15, प्रायिकता  प्रायिकता गणित की वह शाखा, जिसमे घटनाओं के घटित होने की संभावनाओं का संख्यात्मक अध्ययन किया जाता है, वह प्रायिकता कहलाता है. प्रायिकता सिद्धांत के विकाश में निम्नलिखित गणितज्ञों का योगदान रहा है. जैकाब बरनौली (1654 – 1705) डी मायवर (1667 – 1754) लाप्लस (1749 – 1827) प्वासो (1781 – 1840) ए. [...]
पाठ 14, सांख्यिकी परिभाषा हम जानते हैं कि संख्यात्मक या अन्य तथ्य या चित्र जिन्हें आंकड़े (data) कहते हैं एक खास उद्देश्य से एकत्रित किए जाते हैं। Data लैटिन शब्द datum का बहुवचन है। Statistics शब्द लैटिन शब्द status से बना है जिसका अर्थ एक (राजनैतिक) राज्य होता है। सांख्यिकी का काम आंकड़ों का संग्रह [...]
पाठ 13, पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन  पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन पृष्ठीय क्षेत्रफल:- पृष्ठीय क्षेत्रफल किसी 3D आकृति पर मौजूद सभी फलकों (या सतहों) के क्षेत्रफल का योग होता है। उदाहरण के लिए घनाभ, घन और बेलनों के पृष्ठीय क्षेत्रफल। आयतन:- सभी पदार्थ स्थान (त्रि-विमीय स्थान) घेरते हैं। इसी त्रि-विमीय स्थान की मात्रा की माप को आयतन [...]
पाठ 12, हीरोन का सूत्र त्रिभुज का क्षेत्रफल त्रिभुज के क्षेत्रफल के लिए साधारण फार्मूला   x आधार x लंब दिया गया है। त्रिभुज का क्षेत्रफल =  × आधार × ऊँचाई त्रिभुज का क्षेत्रफल – हीरोन के सूत्र द्वारा हीरोन ने त्रिभुज की तीनों भुजाओं के पदों में उसके क्षेत्रफल का प्रसिद्ध (या सुपरिचित) सूत्र प्रतिपादित [...]
पाठ 11, रचनाएँ  आधारभूत रचनाएँ इस अध्याय में पटरी और परकार की सहायता से कुछ आधारभूत रचनाएँ करेंगे। जैसे: दिए गए कोण का समद्विभाजन करना, दिए गए रेखाखंड पर समद्विभाजक की रचना तथा त्रिभुजों की रचना करना आदि शामिल हैं। एक दिए हुए कोण के समद्विभाजक की रचना करना। एक कोण ABC दिया है। हम [...]
पाठ 10, वृत  वृत्त तथा वृत्त का केंद्र वृत्त:- एक तल पर उन सभी बिन्दुओं का समूह, जो तल के एक स्थिर बिन्दु से एक स्थिर दूरी पर स्थित हों, एक वृत्त कहलाता है। वृत्त का केन्द्र:- स्थिर बिन्दु को वृत्त का केन्द्र कहते हैं वृत्त की त्रिज्या:- केन्द्र को वृत्त के किसी बिन्दु से मिलाने वाला [...]
पाठ 9, समांतर चतुर्भुजों और त्रिभुजों के क्षेत्रफल  संगत तलीय क्षेत्र एक सरल बंद आकृति द्वारा तल का घेरा हुआ भाग उस आकृति का संगत तलीय क्षेत्र कहलाता है। इस तलीय क्षेत्र का परिमाण या माप उस आकृति का क्षेत्रफल कहलाता है। इस परिमाण या माप को सदैव एक संख्या (किसी मात्रक में), की सहायता [...]
पाठ 8, चतुर्भुज  चतुर्भुजों का परिचय एक चतुर्भुज की चार भुजाएँ, चार कोण और चार शीर्ष होते हैं। चतुर्भुज ABCD में, AB, BC, CD और DA चार भुजाएँ हैं: A, B, C और D चार शीर्ष हैं तथा ∠A, ∠B, ∠C और ∠D शीर्षों पर बने चार कोण हैं। विकर्ण अब सम्मुख शीर्षों A और [...]
पाठ 7, त्रिभुज  त्रिभुजों की सर्वांगसमता यदि दो त्रिभुजों की तीनों भुजायें एवं संगत कोण समान हों तो वे परस्पर सर्वांगसम होते हैं। दूसरे शब्दों में दो त्रिभुज सर्वांगसम होते हैं यदि वे एक दूसरे की प्रतिलिपियाँ हों और एक को दूसरे के ऊपर रखे जाने पर, वे एक दूसरे को आपस में पूर्णतया ढक [...]
पाठ 6, रेखाएँ और कोण  आधारभूत पद और परिभाषाएं रेखाखण्ड– किरण– रेखा- AGF संरेख बिन्दु हैं। BCE असंरेख बिन्दु हैं। कोण कोणों के प्रकार-   न्यूनकोण- एक न्यूनकोण का माप 0° से 90° के बीच होता है। समकोण- समकोण कोण ठीक 90° के बराबर होता है। अधिक कोण- अधिक कोण कोण 90° से ज्यादा और [...]